गुरु प्यारी साध संगत जी यह साखी एक सत्संगी परिवार से एक लड़के की है साध संगत जी सत्संगी परिवार का लड़का जोकि दिन रात सत्संग घर में सेवा में ही लगा रहता उसके घर वाले उसे बोलते थे कि बेटा पढ़ाई भी कर लिया करो तुम्हारा अभी पढ़ने का समय है जब समय हो तब सत्संग घर चले जाया करो सेवा कर लिया करो लेकिन पढ़ाई को छोड़कर यह सब करना अच्छा नहीं है लेकिन वह किसी की बात नहीं मानता था उसका जब भी मन करता वह सत्संग घर चला जाता क्योंकि सत्संग घर घर के बिल्कुल पास ही था तो वह अकेला ही वहां पर चला जाता और सेवा करने लग जाता तो ऐसे ही उसके घर वालों ने देखा कि बेटा सारा दिन सत्संग घर में ही रहता है वहां पर ही सेवा करता रहता है पढ़ाई पर इसका बिल्कुल भी ध्यान नहीं है और स्कूल से टीचर भी यही कहते हैं कि आपका बेटा पढ़ाई में अच्छा नहीं है अगर उसने अच्छी तरह से पढ़ाई नहीं की तो वह अगली क्लास में नहीं जा पाएगा उसके घरवालों को यह चिंता सताने लगी तो उन्होंने उसको सेवा पर जाने के लिए रोका और उसे पढ़ाई करने के लिए बोला लेकिन उसने किसी की बात नहीं मानी वह सत्संग घर चला जाता और वहां पर सेवा करने लग जाता पढ़ाई का उसे कोई ख्याल ही नहीं आता और उसके फाइनल एग्जाम नजदीक आ रहे थे सत्संग घर में उसे किसी बुजुर्ग ने समझाया कि बेटा बाबा जी पढ़ाई को ज्यादा महत्व देते हैं और वह सत्संग में भी कहते हैं की पढ़ाई जरूरी है तो आप पढ़ाई को छोड़कर यहां ना आया करो पहले उसको महत्व दो उसके बाद जब समय मिल पाए तब यहां आओ उस लड़के का बाबा जी से बहुत प्रेम था तो उसने उनको कहा कि मैं बाबाजी का काम कर रहा हूं और बाबा जी मेरा काम करेंगे और बाबा जी सत्संग में यह भी कहते हैं कि तुम मेरा काम करो मैं तुम्हारा काम करूंगा तुम मुझे यकीन है कि बाबाजी मुझे अच्छे मार्क्स से पास कर देंगे मैंने सारी बात उन पर छोड़ी है यह बात सुनकर वह बुजुर्ग भी भावुक हो गए कि लड़का सेवा के प्रति कितना तत्पर है और उसका बाबा जी के ऊपर कितना विश्वास है उन्होंने कुछ नहीं बोला और जब उसके एग्जाम हो गए तो जब रिजल्ट आने वाला था तो उसके घर वाले परेशान थे कि बच्चे ने तो पढ़ाई की नहीं सारा दिन सत्संग घर में सेवा ही करता रहता था तो उन्होंने सोच रखा था कि इसके अच्छे मार्क्स नहीं आएंगे तो जब रिजल्ट आया तो वह हैरान रह गए कि यह कैसे हो गया इसके इतने अच्छे मार्क्स कैसे आ गए यह तो पता भी नहीं था और उसकी स्कूल के जो टीचर थे वह भी यह देखकर हैरान रह गए किसके इतने अच्छे मार्क्स कैसे आ गई इसका तो पढ़ाई पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था और यह बात केवल पर लड़का ही जानता था कि उसके यह मार्क्स कैसे आए हैं और उसके घर वालों को भी पूरा विश्वास हो गया कि अगर हम सब कुछ बाबाजी पर छोड़ दें तो वह हमारी पीठ नहीं लगने देते साध संगत जी इस साखी से हमें भी यही सीख मिलती है कि अगर हम बाबा जी का कहना मान कर उनके कहे अनुसार चलते हैं तो बाबा जी हमारी भी पीठ नहीं लगने देंगे हमारी भी इस दुनिया में लाज रख लेते हैं ।
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