साध संगत जी यह साखी एक सत्संगी परिवार से एक लड़की की है जिसकी आयु 15 वर्ष है उसकी माता ने यह साखी संगत को सुनाई कि मेरी एक बेटी है जिसका बाबा जी से बहुत प्रेम है बचपन से ही बाबाजी के बारे में बातें करती रहती है और हमें डेरा ब्यास चलने के लिए बोलती रहती है और उसे बाबाजी के सपने भी बहुत आते हैं मुझे बोलती है कि मुझे बाबा जी ने सपने में दर्शन दिए मैं बाबा जी के बिल्कुल पास बैठी थी बाबा जी ने मेरी तरफ आंख भर कर देखा ऐसी बातें मुझसे करती रहती है तो उसकी माता ने कहा कि मेरी दिली ख्वाहिश थी कि मैं बाबा जी से पूछो इसके बारे में यह ऐसा क्यों करती है तो मैं बहुत बार सवाल जवाब कार्यक्रम में पेश हुई लेकिन मुझे मौका नहीं मिला आखिर एक बार मुझे मौका मिल गया और मैंने बाबा जी से यही सवाल किया कि बाबा जी मेरी बेटी है जो केवल आपके बारे में ही बातें करती रहती है उसका आपसे बहुत प्रेम है वह आपकी साखियां सुनती है और शब्द भी पड़ती है बाबा जी क्या यह मालिक की कृपा है तो आप जी कहती हैं कि बाबा जी ने मुस्कुराया और उसके बाद कहा कि यह तो बहुत अच्छी बात है बस इतना ही कहा उसके बाद आप जी ने कहा कि मैंने बाबा जी से पूछना चाहा कि बाबा जी यह आपकी कृपा है तो बाबा जी ने कहा कि बेटा जब हम किसी से जुड़ जाते हैं या फिर जब हम किसी से प्रेम करते हैं तो हमें उसके बारे में ही ख्याल आते रहते हैं और जब हम सो जाते हैं तो वह सपनों के रूप में जाहिर होते हैं ऐसा इसलिए होता है, बेटा हमें अपने बच्चों को सही रास्ता दिखाना है उनको मालिक से जोड़ना है उसके बाद उस बीवी ने बाबा जी को राधा स्वामी की और घर आ गई और घर आकर उस बीवी ने अपनी लड़की के सिर पर प्यार से हाथ रखा और बाबा जी का ध्यान किया साध संगत जी बाबाजी का सपने में आना और दर्शन देना यह हर किसी के साथ नहीं होता जो मालिक के प्यारे हैं जिन्हें गुरु से प्रेम है लगन है मालिक से मिलने की इच्छा है ऐसे अनुभव मालिक उन्हीं को देता है यह मालिक की अपार कृपा है जो एक सच्चे अभ्यासी पर बनी रहती है ।
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