गुरु प्यारी साध संगत जी यह बातें एक कमाई वाली सत्संगी माता जी की है उन्होंने आने वाले समय का जिक्र कुछ ऐसे किया है कृपया बातों को पूरा सुनने की कृपालता करे जी ।
साध संगत जी बातें शुरू करने से पहले आपसे कुछ पंक्तियां सांझी कर रहा हूं जिनमें कलयुगी दुनिया का हाल बताया गया है कृपया ध्यान दें जी,
कतक बाद निनायवे, शामिल सेवा साल
जो बीतेगा सो कहूं, सुन्यो करके खयाल
इस मगर के मास में, पड़ेगा केहरी काल
अन मिले नहीं दूंडया, बुरा होएगा हाल
बहुत बीमारी पड़ेगी, तरह तरह के रंग
ऐसा भाना होएगा, नहीं कहन के योग
ख़तम दवाई होएगी, होना नहीं इलाज
पशु मरे बिन घास के, मानस बिना इलाज
एस भुख के दुख में, ऐसा होए अपमान
सिदक्क सहारा हौसला, रहे ना धरम इमान
छोड़ जाएगी इस्त्री, अपने पति का साथ
जहर दयेगी पुत्र को, माता अपने हाथ
पिता त्यागे पुत्र को, पुत्र त्यागे बाप
ऐसा होइया ना होएगा, दुनिया भर में पाप
जो बीतेगा सो कहूं, सुन्यो करके खयाल
इस मगर के मास में, पड़ेगा केहरी काल
अन मिले नहीं दूंडया, बुरा होएगा हाल
बहुत बीमारी पड़ेगी, तरह तरह के रंग
ऐसा भाना होएगा, नहीं कहन के योग
ख़तम दवाई होएगी, होना नहीं इलाज
पशु मरे बिन घास के, मानस बिना इलाज
एस भुख के दुख में, ऐसा होए अपमान
सिदक्क सहारा हौसला, रहे ना धरम इमान
छोड़ जाएगी इस्त्री, अपने पति का साथ
जहर दयेगी पुत्र को, माता अपने हाथ
पिता त्यागे पुत्र को, पुत्र त्यागे बाप
ऐसा होइया ना होएगा, दुनिया भर में पाप
साध संगत जी इन पंक्तियों को पढ़ने के बाद माताजी ने बहुत सारी बातें बताइ कि आने वाला समय कैसा होगा उन्होंने फरमाया कि जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है हम आगे बढ़ रहे हैं समय निकल रहा है वैसे वैसे ही माहौल उतना ही ज्यादा खराब भी होता जा रहा है अगर हम ख्याल करें कि पहले जो लोग थे उन में कितना प्रेम होता था कितना प्यार होता था एक दूसरे की कितनी मदद वह करते थे और तब इतने लड़ाई झगड़े भी नहीं होते थे इतना पाप भी नहीं होता था लेकिन अगर अब देखा जाए समाज में कितनी कितनी बातें होती हैं कितने पाप होते हैं जिनका कोई अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता इतना ही नहीं आगे जो होगा वह इससे भी अधिक होगा, हमारा समाज एक अंधेरे की तरफ ही जा रहा है आप देख सकते हैं कि कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनका इलाज अभी तक विज्ञान भी नहीं खोज पाया है आप इस महामारी को ही ले लीजिए अभी तक इसका इलाज नहीं मिल पाया हमने कितना कुछ कर लिया हमने कितना कुछ बना लिया हमने कितनी तरक्की कर ली है इसके बावजूद भी हम कुछ बीमारियों का इलाज ढूंढने में असफल है बड़े से बड़े विज्ञानी भी ऐसी महामारियो का इलाज नहीं ढूंढ पाए, यह हमारे लिए संकेत ही है कि हम किस तरफ जा रहे हैं हमने कितना कुछ बिगाड़ लिया है आप देख लीजिए कि पहले इतना प्रदूषण नहीं होता था शुद्ध वायु हुआ करती थी पानी भी शुद्ध हुआ करता था सभी कुछ शुद्ध हुआ करता था और मनुष्य स्वस्थ रहता था उसे बीमारी लगने के कारण बहुत ही कम होते थे कोई कोई ही बीमार होता था और उस समय इतनी दवाइयां भी नहीं होती थी लेकिन फिर भी लोग ठीक हो जाया करते थे लेकिन आज के समय में हमने सब कुछ दूषित कर दिया है पानी शुद्ध नहीं है वायु शुद्ध नहीं है और अन्य बीमारियों को हमने बुलावा दे दिया है जिसके कारण हमारा रहन-सहन बिगड़ गया है तरह-तरह की बीमारियां हमें लगी पड़ी है और इसी के कारण हमारे पास लाखों बहाने हैं कि हमसे नाम की कमाई नहीं होती जब बात भजन सिमरन की आती है नाम की कमाई की आती है तब हम इन बीमारियों का बहाना लगाते हैं या फिर कुछ और बहाने लगाते हैं कि हमसे नाम सिमरन नहीं होता वह हमारी वजह से ही है जो भी किया है हमने किया है कुदरत तो जैसे पहले थी वैसे ही अब है उसको खराब हमने किया है हमने अपना ही वातावरण खुद ही दूषित किया है खुद ही बीमारियों को निमंत्रण दिया है और आगे होने वाली स्थिति इससे भी खराब हो सकती है जैसे कि उन पंक्तियों में कहा गया है कि आगे अनाज मिलने के स्रोत बहुत कम होंगे, ढूंढने से भी नहीं मिल पाएगा, उसकी वजह भी हम ही, मालिक ने हमें विवेक की ताकत दी है हम अपना अच्छा बुरा देख सकते हैं उसने हमें वह सब कुछ प्रदान किया है जो हमारी आवश्यकता है लेकिन हम समझ ही नहीं पाते कि हमारे लिए अच्छा क्या है और बुरा क्या है हमारे पास अगर कुछ अच्छा भी है तो हम उसे भी बुरा कर लेते हैं बुरा बना देते हैं उसने तो हमें अच्छे और बुरे की पर्ख दी है लेकिन हम ही वह परख नहीं कर पाते और इसलिए हम अंधेरे की तरफ जा रहे हैं अपने पतन की तरफ जा रहे हैं, मालिक ने यह सृष्टि बहुत ही सुंदर बनाई थी किसी तरह की कमी नहीं थी लेकिन हमने क्या किया अपने हिसाब से सब कुछ करना शुरू कर दिया जिसके कारण आज नतीजा हमारे सामने हैं कितनी बार फरमाया गया है कि कुदरत से खिलवाड़ मत करो लेकिन हम मानते कहां हैं अपनी मनमर्जी करते हैं और जब बाद में कोई मुसीबत आ जाती है तब हम चिल्लाते हैं उसके आगे फरियाद करते हैं कि यह उसने क्या कर दिया जबकि उसकी वजह हम ही हैं लेकिन हम दोष उसे देते हैं जो कि बिल्कुल गलत है सब हमारा ही किया कराया है आगे की पंक्ति में कहा गया है कि ऐसी ऐसी बीमारियां आएंगी जिन का इलाज मिल पाना असंभव होगा उनकी दवाई मिल पानी भी असंभव होगी यह केवल इसलिए क्योंकि हमने वह सब करना शुरू कर दिया जो कि हमारे लिए उचित नहीं हमने पशुओं का आहार किया उनका मांस खाना शुरु कर दिया इंसान ने जीव जंतुओं का मांस खाना शुरु कर दिया जिससे कि तरह-तरह की बीमारियां मनुष्य में आने लगी जिनका इलाज मिल पाना असंभव होगा, उसके आगे आप फरमाती हैं कि दवाई मिलने की बात तो दूर रही, दवाई ही नहीं बचेगी ,तब बीमारी का इलाज कैसे होगा, तब हम मृत्यु की तरफ खिंचे चले जाएंगे और कोई हमारे पास चारा भी नहीं रहेगा हमने अपने लिए मुश्किलें खड़ी की ही है लेकिन हम जीव जंतुओं के लिए भी घातक सिद्ध हो रहे हैं उनकी जान भी हम खतरे में डाल रहे हैं उनके लिए भी खतरा बनेगा जिसकी वजह केवल हम होंगे,उसके बाद आप जी ने कहा कि हमारे सभी सहारे, हमारा साथ छोड़ जाएंगे हमारा हौसला टूटने लगेगा कोई हमारी मदद करने वाला नहीं होगा सबको अपनी-अपनी पड़ी होगी जैसा कि इस समय में हो रहा है कैसे सब एक दूसरे से भाग रहे हैं हाथ मिलाना तो दूर हम तो किसी के पास जाने से भी डरते हैं ऐसी स्थिति आज हो गई है , इसी को मद्देनजर रखते हुए आगे की स्थिति और भी खराब होगी, उसके बाद अगली पंक्तियों के अनुसार माता जी ने फरमाया कि स्तिथि इतनी खराब हो जाएगी की पत्नी अपने पति को छोड़कर भागेगी, माता अपने पुत्र को जहर देगी , पिता अपने पुत्र को त्याग देगा, पुत्र अपने पिता को त्याग देगा, ऐसा पाप आगे होने लगेगा , हमारा समाज पतन की ओर बढ़ने लगेगा ऐसा कलजुगी दुनिया का हाल होगा उसके बाद अंत में माताजी ने फरमाया कि हमारे पास अभी भी समय है हमें संभल जाना चाहिए हमें सभाविक रूप से जीवन व्यतीत करना चाहिए यह मालिक की सृष्टि है उसके हुकम के अनुसार जीवन व्यतीत करना है उसी के भाने में रहकर चलना है लेकिन जब हम अपने मन के पीछे लग कर बुरे कृत्य को अंजाम देते हैं तो नतीजा हमारे सामने ही है, साध संगत जी हमें उसके भाने में रहना है, नाम की कमाई करनी है, शब्द की कमाई करनी है । साध संगत जी इसी के साथ हम आपसे इजाजत लेते हैं आगे मिलेंगे एक नई साखी के साथ,अगर आप साखियां, सत्संग और सवाल जवाब पढ़ना पसंद करते है तो आप नीचे E-Mail डालकर इस Website को Subscribe कर लीजिए, ताकि हर नई साखियां, सत्संग और सवाल जवाब की Notification आप तक 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