सिमरन करने में ऐसी कौन सी मुसीबत है क्या इस का कोई दाम देना पड़ता है ? क्या आपको अपने सिर पर कोई भार या भोझ ढोना पड़ता है ?
क्या आपको बन्दूक या तोप के गोलों का सामना करना पड़ता है बस किसी कुर्सी पर आराम से बैठ कर मन से नाम को दोहराते रहिये मन भटकता है तो भटकने दीजिये आप अपना सिमरन करते रहिये परमात्मा की याद में बिताया हुआ हर पल आपके लेखे में जमा होता है ।
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