गुनाहों को धोने की अगर कोई दवा है तो वह "नाम है" नाम की कमाई है हम करोड़ों जप-तप, दान-पुण्य, तीर्थ यात्राएँ कर ले,
लेकिन गुनाहों की मैल नहीं धुलने वाली लेकिन जिस वक्त हम नाम से जुड़ेंगे, गुरु से प्रेरणा लेकर नाम की कमाई करेंगे, गुनाहों की मैल खुद-ब-खुद उतर जायेगी क्योंकि जब कोई व्यक्ति नाम की कमाई करने लगता है तो उसके अंदर से करमों का सफाया होने लगता है जन्मों जन्मों की मैल उतर जाती है ।
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