संसार में सभी अपने अपने तरीके से मालिक की भजन बंदगी करते हैं लेकिन सफल वही होता है जिसको भजन करने का तरीका मालूम होता है ।
जिसको वह युक्ति मालूम होती है जो गुरु नाम के समय बक्शीश में देता है बिना उस युक्ति के भवसागर से पार नहीं जाया जा सकता इसलिए जिस वक्त 'सिमरन' पर बैठो तो यह सोच कर बैठो कि हम दुनिया के लिए मर गए और दुनिया हमारे लिए मर गई तभी भजन कामयाब होगा वरना नहीं ।
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