सतगुरु पर भरोसा अटल रख्खें, जब हम स्टेशन पर पहुँच कर गाड़ी में बैठ जाते है तो गाड़ी भले ही लेट हो जाये पर हमे यह विश्वास रहता है कि यह हमें अपने मुकाम पर जरूर पहुँचाऐगी,
इसी प्रकार जब हम ब्रमज्ञान लेकर गुरू के वचनों को मानते हुऐ बुरे कर्मों को त्याग कर सिमरन करने लगते हैं तो चाहे ब्रह्माण्ड ही क्यो ना पलट जाये पर संतों का वाक्य नही पलटता, सिमरन का बीज कभी नष्ट नही होता वह जरुर उगेगा और पेड़ बनकर फल भी जरूर देगा ।
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