आज का रूहानी विचार ।। Spiritual Thought of the day

 

"मुटठी बाँधकर जन्म लिया है, हाथ पसारे जाओगे,
यह तन है कागज़ की पुड़िया, बूँद पड़त गल जाओगे,
कहत कबीर सुनो भाई साधो, इक नाम बिना पछताओगे"

आप समझाते है कि दुनिया में हम खाली हाथ ही पैदा हुए हैं और खाली हाथ ही यहाँ से चलें जायेंगे, न कोई आज तक यहाँ कुछ साथ लेकर आया है और न कभी कोई चीज़ अपने साथ ले जा सका है, हमारा शरीर भी कागज़ की पुड़िया के समान है, कागज़ की पुड़िया पर ज़रा सा पानी गिरे तो वह गल जाती है । 

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