आज का रूहानी विचार ।। Spiritual Thought of the day

 

जब गुरु की शरण मिल जाती है तब कभी भी ये नही सोचना चाहिए कि हमाराकोईनही है क्योंकि शिष्य को सतगुरु के चरणों में शरण मिल जाये तो उसे स्वर्ग या बैकुंठ जैसे किसी धाम की इच्छा नहीं रहती,

गुरु की शरण एक ऐसा धाम है जिसमें रहते हुए किसी प्रकार की कामना मन को विचलित नहीं करती, वहाँ प्राप्त होने वाली तृप्ति से कोई भी तृष्णा बाक़ी नहीं रह जाती, उन चरणों की सेवा में लग जाने पर किसी अन्य इष्ट के आगे सिर झुकाने का विचार ही नहीं आता ।

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