भीतर की सफाई करेंगे तभी तो नाम जप का अमृत प्रकट होगा ! बाहर भजन सिमरन तो हम करते ही है ! लेकिन ये सब बाहर बाहर ही रह जाता है,
एक आदमी को गिरने से जखम हो गया और उसने उस जखम को बिना साफ किये बिना कचरा और पीक निकाले ऐसे ही मलम लगा दी और कुछ दिनों बाद बोलने लगा कि जखम अभी तक ठीक क्यों नहीं हो रहा, बस ऐसी ही हालत है हमारी, मन को साफ किया ही नहीं, मन की मैल निकाली ही नहीं, मन का कचरा निकाला ही नहीं और फिर कहते हैं कि अरे हम तो कितने सालों से भजन-सिमरन कर रहे हैं, तो कैसे होगा जखम जुदाई वाला ठीक पहले सफाई करना बहुत जरूरी है इसके लिए हमें बहुत गहराई से सोचना होगा ।
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