हे मेरे सतगुरु मेरे हर कर्म को आप माफ़ कर देना, गुनाहों का पूतला हूँ
नादान समझ कर ही आप गुनाहों को नजरअंदाज कर देना दाता, हम भूलन हार हैं आप बक्शन हार हो, निमाना समझ कर ही मेरे सिर पर अपनी दया का आपहाथ रख देना ।
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