आज का रूहानी विचार ।। Spiritual Thought of the day

 

हैरानी इस बात की है कि हम लोगों को मरते हुए देखते हैं, मगर मन कहता है कि तेरी मौत नहीं, मरनेवाले तो और हैं, हम सोचते नहीं,

इसके विपरीत जब हमको किसी सफर पर जाना होता है तो दस पंद्रह दिन पहले ही सामान बांध लेते हैं, किसी सराय, होटल या धर्मशाला मेँ ठहरने और खाने का पहले से ही इंतजाम कर लेते हैँ, किस राह जाना है और सामान क्या ले जाना है, इन सारी बातों को पहले ही सोच लेते हैं, लेकिन कभी किसी ने सोचा है ! कि इस घर (शरीर) को छोड़कर आगे कहां जाना है ? किस राह जाना है और रास्ते के लिये सामान क्या ले जाना है ? मन माया और इंद्रियों के नशे मेँ हमारी अक्ल मारी गयी है ।

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