भजन-सिमरन पर संकल्प के साथ बैठें, बार बार समय नहीं देखना चाहिए,
अलार्म लगा लीजिए या किसी को बोलकर बैठिए ! दरसल साधना वही कर सकता है जो स्वयं का खोजी है ।
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