साध संगत में हर प्रकार के इंसान आते है लेकिन गुरु का दर सभी के लिए खुला रहता है,
सच्चा साधक वही जो जोड़ने का कार्य करता है न कि तोड़ने का सत्संग में जाकर पूर्ण श्रद्धा से जो सत्संग सुने और जीवन मे अमल करें तभी वह कुछ पा सकता है l
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