एक सेवक रोता हुआ गुरु साहिब जी के पास जाकर बड़े दुखी भाव से आख्या (मालिक जी) कुछ लोगो का बड़ा रोब चलता है
गुरु दर पर मुझे एक बड़े सेवादार ने सेवा में जरा सी चूक होने पर थपड़ मारा है, पातशाह जी जोर से मुस्कुराए। सेवक ने आख्या पातशाह लंगर प्रशाद की सेवा चल रही है इतने लोगो के बीच थपड़ मार दिया, आप यह सुन कर हस रहे हैं क्या यह ठीक है, हुजूर मालिक जी ने जोर से मुस्कुराकर जवाब दिया- मैं इसलिए नहीं हस रहा हूं कि उसने तेरे को थपड़ मारा है बल्कि मैं इसलिए हंस रहा हूं कि एक थपड़ रोब के साथ उसने तुझे मार कर कई दिन-रातों को जागकर की गई उसकी सेवा उसने अपने खाते से काटवाकर तुम्हारे खाते में लिखवा दी है। तू खुश हो ढोल पीट और जाकर शुकराना कर जाकर, ऐसा सेवक बनने का अवसर मालिक बहुत कम लोगो देते हैं ।ऐसे ही रूहानी विचार रोजाना सुनने के लिए, नीचे अपनी E- Mail डालकर, वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए ताकि हर नई पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच सके ।
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