हे सतगुरु ! तेरी याद मेरी आंखों में आंसू ले आती है मै जब भी तुझे याद करता हूं तो रोने लगता हूं,
तुझे याद करते ही रूह को अपना सच्चा घर सचखंड याद आने लगता है, वो तेरी तरफ़ खिंची चली आती है और ये सब तेरी ही कृपा है क्योंकि तेरी रहमत के बिना किसी को रूहानी तड़प का होना नामुमकिन है ।ऐसे ही रूहानी विचार रोजाना सुनने के लिए, नीचे अपनी E- Mail डालकर, वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए ताकि हर नई पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच सके ।
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