भजन बंदगी पर बैठने से पहले मालिक से कहो कि हे मालिक ! बिठाने वाला तो तूं ही है
तेरे सिवाए मेरा इस मार्ग पर कोई मार्गदर्शन नही कर सकता, अंदर भी तूं ही सहाई है और बाहर भी, ऐसा कहने से मन निर्मल होता है और अहंकार टूटता है और जब अहंकार टूटता है तो ध्यान अपने आप आने लगता है ।
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