आज का रूहानी विचार ।। Spiritual Thought of the day

 

अकाल पुरख एक है और सतगुरु की कृपा द्वारा मिलता है। हे प्यारे प्रभु! मेरे मान में (एक) तेरा ही सहारा है, तेरा ही सहारा है।

हे प्यारे प्रभु! सिर्फ तुं ही (हम जीवों की) रक्षा करने में समर्थ है। इसके एल्व और और चतुराइयां (सोचना) किसी भी काम नहीं॥१॥रहाउ॥ हे भाई! जिस मनुख को पूरा गुरु मिल जाए, वह सदा खिड़ा रहता है। पर, हे भाई! वो ही मनुख गुरु की सरन पड़ता है, जिस ऊपर (प्रभु आप दयावान होता है। हे भाई! गुरु स्वामी मनुख जन्म का महोरथ पूरा करने में समर्थ है (क्योंकि) वह सारी ताकतों का मालिक है। गुरु नानक जी कहते हैं, हे नानक! गुरु परमात्मा का रूप है। (अपने सेवकों के) सदा ही अंग संग रहता है॥

ऐसे ही रूहानी विचार रोजाना सुनने के लिए, नीचे अपनी E- Mail डालकर, वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए ताकि हर नई पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच सके ।


Post a Comment

0 Comments