आज का रूहानी विचार ।। Spiritual Thought of the day

 

अर्थ : हे भाई !  जिस मनुष्य को पालने योग्य प्रभु विकारों से बचाना चाहता है, उस मनुष्य पर प्रभु कृपा (मदद) करते हैं।  हे भाई!  जैसे अग्नि (माता के गर्भ में) जीव को नहीं सताती, (इसलिए जिस मनुष्य पर प्रभु कृपा करते हैं) उसे (उसके) काम, क्रोध, लोभ, मोह के अधीन नहीं लाया जा सकता।  वह गुरु की संगत में रहता है और भगवान के नाम का जाप करता है, (लेकिन उसकी निंदा करने वाले के सिर पर राख गिर जाती है)।  हे भाई!  भगवान (नाम) सेवक के लिए तंत्र है (हथियारों के संकट से रक्षक), संजोआ है

(जिस व्यक्ति के पास राम नाम का कवच है वह संजोआ है) वह (कामदिक) चंद्र शत्रु उसे छू नहीं सकते।  (परन्तु) प्रत्येक मनुष्य जो (अपनी शक्ति पर) अभिमान करता है, (आध्यात्मिक जीवन से) नष्ट हो जाता है।  गरीबों का सहारा, सेवक का सहारा स्वयं भगवान हैं।  हे भाई!  प्रत्येक मनुष्य जो प्रभु राजा के संरक्षण में आता है, प्रभु दास को गले लगाकर (दुष्ट स्वर्गदूतों से) बचाता है।  लेकिन जिस इंसान को (अपनी ताकत पर) बहुत घमंड होता है, वो इंसान (इन फरिश्तों के प्रतिरोध के खिलाफ) पल भर में धूल में मिल जाता है।  हे भाई!  हमेशा रहने वाला भगवान अभी भी मौजूद है, हमेशा के लिए मौजूद रहेगा।  मैं हमेशा उसके लिए बलिदान कर रहा हूं।  हे भाई!  नानक के भगवान उनके सेवकों के जीवन का आधार हैं।  प्रभु कृपापूर्वक अपने सेवक को (पापों से) बचाता है।

ऐसे ही रूहानी विचार रोजाना सुनने के लिए, नीचे अपनी E- Mail डालकर, वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए ताकि हर नई पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच सके ।


Post a Comment

0 Comments