देही अन्दर नाम निवासी ।
आपे करता है अबिनासी ॥
- गुरु नानक साहिब जी
धुनात्मक नाम या शब्द परमात्मा से आ रही शक्ति की वह ध्वनि है जो ध्यान को आखों के पीछे और मध्य एकाग्र करने से सुनाई देती है । यह नाम अन्दर है बाहर नही और यह शब्द या नाम परमात्मा की तरह ही अमर है और अविनाशी है ।
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