जे मनि चिति आस रखहि हरि ऊपरि ता मन चिंदे अनेक अनेक फल पाई ॥ हरि जाणै सभु किछु जो जीइ वरतै प्रभु घालिआ किसै का इकु तिलु न गवाई ॥ हरि तिस की आस कीजै मन मेरे जो सभ महि सुआमी रहिआ समाई ॥१॥ मेरे मन आसा करि जगदीस गुसाई ॥ जो बिनु हरि आस अवर काहू की कीजै सा निहफल आस सभ बिरथी जाई ॥१॥ रहाउ ॥ जो दीसै माइआ मोह कुट्मबु सभु मत तिस की आस लगि जनमु गवाई ॥
अर्थ: हे मेरे मन! जगत के मालिक धरती के साई की (सहायता की) आस रखा कर। परमात्मा के बिना जो भी किसी की भी आस की जाती है, वह आस सफल नहीं होती, वह आस व्यर्थ जाती है।1। रहाउ।हे भाई! अगर तू अपने मन में अपने चिक्त में सिर्फ परमात्मा पर भरोसा रखे,? तो तू अनेकों ही मन मांगे फल हासिल कर लेगा, (क्योंकि) परमात्मा वह सब कुछ जानता है जो (हम जीवों के) मन में घटित होता है, परमात्मा किसीकी की हुई मेहनत को रक्ती भर भी व्यर्थ नहीं जाने देता सो, हे मेरे मन! उस मालिक परमात्मा की सदा आस रख, जो सब जीवों में मौजूद है।1।हे मेरे मन! जो यह सारा परिवार दिखाई दे रहा है, यह माया के मोह (का मूल) है। इस परिवार की आस रख के कहीं अपना जीवन व्यर्थ ना गवा बैठना। इन संबन्धियों के हाथ में कुछ नहीं। ये बेचारे क्या कर सकते हैं? इनका लगाया हुआ जोर सफल नहीं हो सकता। सो, हे मेरे मन! अपने प्रीतम प्रभू की ही आस रख, वही तुझे पार लंघा सकता है, तेरे परिवार को भी (हरेक बिपता से) छुड़वा सकता है।2।हे भाई! अगर तू (प्रभू को छोड़ के) और माया आदि की आस बनाएगा, कहीं ये ना समझ लेना कि माया तेरे किसी काम आएगी। माया वाली आस (प्रभू के बिना) दूसरा प्यार है, ये सारा झूठा प्यार है, ये तो एक छिन में नाश हो जाएगा। हे मेरे मन! सदा कायम रहने वाले प्रीतम प्रभू की ही आस रख, वह प्रभू तेरी की हुई सारी मेहनत सफल करेगा।3।पर, हे मेरे मालिक-प्रभू! तेरी ही प्रेरणा से जीव आशाएं बाँधता है, मन के फुरने बनाता है। हरेक जीव वैसी ही आशा करता है जैसी तू प्रेरणा करता है। हे मेरे मालिक! किसी भी जीव के वश कुछ नहीं- मुझे तो मेरे गुरू ने ये सूझ बख्शी है। हे प्रभू! (अपने) दास नानक की (धारी हुई) आशा को तू खुद ही जानता है (वह तमन्ना यह है कि) प्रभू के दर्शन करके (नानक का मन) दर्शन की बरकति से (माया की आशाओं की ओर से) अघाया रहे।4।1।
ऐसे ही रूहानी विचार रोजाना सुनने के लिए, नीचे अपनी E- Mail डालकर, वेबसाइट को सब्सक्राइब कर लीजिए ताकि हर नई पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच सके ।
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.